Mahanayak Samrat Ashok (महानायक सम्राट अशोक)
ISBN: 978-93-516-5967-9
Format: 14.0x21.6cm
Liczba stron: 144
Oprawa: Miękka
Wydanie: 2022 r.
Język: hindi
Dostępność: dostępny
महानायक सम्राट अशोक विश्व इतिहास में अपनी आभा से समूची दुनिया को विश्व बंधुत्व की भावना से प्रकाशित कर रहे हैं। उनके उच्च नैतिक मूल्यों को इस कथन से समझा जा सकता है कि- 'सभी मत किसी न किसी वजह से आदर पाने के अधिकारी है। इस तरह का व्यवहार करने से आदमी अपने मत की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, साथ ही वह दूसरे मतों और लोगों की सेवा करता है।' पं- जवाहर लाल नेहरू ने अपनी पुस्तक 'हिन्दुस्तान की कहानी' में सम्राट अशोक के विषय में इस प्रकार लिखा है कि 'विजयी सम्राटों और इतिहास के नेताओं के बीच वह अकेला व्यक्ति है जिसने विजय के क्षण में यह निश्चय किया कि वह आगे युद्ध नहीं करेंगे।' रोमिला थापर लिखती हैं कि-'अशोक का उद्देश्य एक ऐसी मानसिक वृत्ति का निर्माण करना था जिसमें सामाजिक उत्तरदायित्व को, एक व्यक्ति को, दूसरे के प्रति व्यवहार को अत्यधिक महत्वपूर्ण समझा जाए। इसमे मनुष्य की महिमा को स्वीकृति देने और सामाजिक कार्यों में मानवीय भावना का संचार करने की सोच थी।' एच-जी- वेल्स लिखते हैं कि-'बादशाहों के दसियों हजार नामों में, जिनसे इतिहास भरे हुए हैं, अनेक बड़े-बड़े सम्राट, महामहिम और शहंशाह हैं, अशोक का अकेला नाम इस तरह से चमक रहा है, जैसे कोई सितारा हो। वोल्गा से लेकर जापान तक उसका नाम आज भी आदर के साथ लिया जाता है।