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ksiazka tytuł: Bachchon Ke Anupam Natak (?????? ?? ????? ????) autor: Dr. Agarwal Giriraj Sharan
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Bachchon Ke Anupam Natak (बच्चों के अनुपम नाटक)

Wersja papierowa
Wydawnictwo: Repro India Limited
ISBN: 978-81-288-1529-4
Format: 14.0x21.6cm
Liczba stron: 162
Oprawa: Miękka
Wydanie: 2024 r.
Język: hindi

Dostępność: dostępny
66,40 zł

नाटक बच्चों के लिए एक ऐसी जादुई कला है, जो उन्हें सदियों से रिझाती आई है। नाटक में ही बच्चे का मन सबसे अधिक रमता है, लिहाजा गली-मोहल्ले, स्कूल के फंक्शनों या फिर राष्ट्रीय पर्वों पर जब कोई मन को छू लेने वाला अच्छा नाटक होता है, तो अनगिनत आँखें एक साथ भीगती है और अनगिनत होठों पर एक साथ हँसी फुरफुराती है।<br>बच्चों के श्रेष्ठ सामाजिक नाटकों के इस संग्रह में बच्ची के लिए खास तौर से लिखे गए ऐसे ही नाटक शामिल है, जिनमें बच्चे अपने आसपास को दुनिया के दुख-दर्द और परेशानियों को जान सकेंगे और उनके मन में यह विचार खाएगा कि आखिर एक सुंदर दुनिया गढ़ने के लिए वे भी बहुत कुछ कर सकते हैं। बेशक ये नए जमाने के ऐसे अनोखे और खूबसूरत नाटक है, जिन्हें मंच पर खेला जाए तो हर बच्चे के चेहरे पर एक आनंद भरी मुसकान खेलती नजर आएगी। और वे खेलखेल में बहुत कुछ सीखेंगे भी।<br>साहित्य अकादमी के पहले बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित प्रकाश मनु बच्चों के जाने-माने लेखक है। पच्चीस वर्षों तक बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका नंदन से जुड़े रहे प्रकाश मनु ने लीक से अलग हटकर कविता, कहानियां, उपन्यास, नाटक, महान युगनायकों को जीवनियाँ और दिलचस्प ज्ञान-विज्ञान साहित्य लिखकर हिंदी बालसाहित्य में बहुत कुछ नया और मूल्यवान जोड़ा है। साथ ही उन्होंने "हिन्दी बाल कविता का इतिहास लिखकर एक और ऐतिहासिककाम किया है।

 

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