<table><tbody><tr><td data-row="1">ज्योतिष एक प्राचीन वेदांग है, जो सूर्य, पृथ्वी, और नक्षत्रों की गति और स्थिति की गणना करता है। इस शास्त्र को समझने के लिए पुस्तकों में लिखे सूत्रों के साथ-साथ अन्य कारकों पर भी समग्र दृष्टि रखनी होती है।</td><td data-row="1">इस पुस्तक, ज्योतिष विशेषांक : मान्यताएं तथा पौराणिक सन्दर्भ कथाएं , में ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिसमें चन्द्र कुंडली, उच्च और नीच ग्रह, वक्री ग्रह, दशा, ग्रहण दोष, मांगलिक दोष, और राज योग जैसे विषय शामिल हैं। इसमें शुक्र राजयोग, राहु-केतु, बुध, और कर्क लग्न जैसे विशिष्ट ज्योतिषीय मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया है। पुस्तक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ज्योतिष के प्रभाव की चर्चा करती है, जैसे पंचम भाव का भाग्य से संबंध, कुंडली का छठा भाव, और सप्तम भाव।</td><td data-row="1">ज्योतिष विशेषांक; उन सभी के लिए एक समग्र मार्गदर्शक है जो ज्योतिष के रहस्यों और पौराणिक कथाओं के माध्यम से जीवन की गूढ़ताओं को समझना चाहते हैं।</td></tr></tbody></table><p><br></p>