<p> "पारंपरिक ज्वेलर से विरासती ब्रांड तक" एक अत्यंत अनुभवी ज्वेलर के द्वारा अपने ज्वेलर व्यवसाइयों के लिए लिखी गयी अपनी तरह की एक अनोखी पुस्तक है। इसमें ज्वेलरी से जुड़े लोगों को हो रही प्रत्येक दिन की परेशानियों का विस्तृत विवरण है, साथ ही इससे उबरने और ज्वेलरी व्यवसाय को बुलंदियों तक ले जाने के उपायों के प्रामाणिक और अचूक तरीकों का भी वर्णन है।</p><p> ग्राहकों की साइकोलॉजी समझने के साथ-साथ, यह पुस्तक आज के व्यावसायिक माहौल में सफलता पाने के लिए आवश्यक बुद्धिमत्ता, जानकारी, स्किल और तकनीकों पर भी प्रकाश डालती है। चाहे कोई बड़ा शोरूम हो या छोटे स्तर का व्यवसायी, यह पुस्तक सबके लिए प्रभावी रणनीतियों के साथ-साथ उनका आसान क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करती है। सीखना एक कला है, लेकिन कार्यान्वयन सफलता की कुंजी है, और यह पुस्तक किसी भी जौहरी की सफलता की यात्रा के लिए सबसे उपयोगी साबित होगी।"आभूषण उद्योग में 25 वर्षों से भी अधिक की विशेषज्ञता के साथ, सौरभ ए. खंडेलवाल एक प्रतिष्ठित रत्नविज्ञानी व्यवसायी हैं। अपने पिता के स्टोर से शुरुआत करके, उन्होंने ज्वेलरी से जुड़ी तमाम छोटी-बड़ी चीजों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। लोग 'स्पोर्ट्स' में भी इनके प्रदर्शन से काफी प्रभावित रहे हैं। इनके पास कानून की भी डिग्री है।</p><p> सन 2001 में उन्होंने अपने रत्न विज्ञान कौशल को निखारते हुए 'गेहना' ज्वेलरी स्टोर की स्थापना की। इस ज्वेलरी स्टोर ने उन्हें 2006 में 'Dhanvi Diamond' के प्रिंसिपल सी.ई.ओ. बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । सौरभ के शौक में स्कूबा डाइविंग, स्टॉक मार्केट एनालिसिस और ज्वेलरी व्यवसाइयों को परामर्श देना (mentorship) शामिल हैं। श्री खंडेवाल ने 'Dhanvi Diamond' के परिश्रम, उत्कृष्टता और अनुकूलनशीलता के मूल्यों की परंपरा को कायम रखा है।</p>