Satyaki
ISBN: 978-93-604-5801-0
Format: 14.0x21.6cm
Liczba stron: 302
Oprawa: Miękka
Wydanie: 2025 r.
Język: hindi
Dostępność: dostępny
<p><strong>About the Book</strong></p><p></p><p>दुष्यंत प्रताप सिंह भारत के चर्चित व प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक हैं। आपने हिन्दी सिनेमा की कई चर्चित फ़ीचर फ़िल्मों व गानों का निर्देशन किया है। सिनेमा के साथ-साथ आपने देश व विदेशों में कई श्रंखलाबद्ध समारोहों का भी सफलतापूर्वक आयोजन व निर्देशन किया है।</p><p></p><p>आपको वैश्विक स्तर पर अधिकांश प्रमुख मीडिया घरानों ने अपने विभिन्न लेखों व फीचर् में प्रमुखता से स्थान दिया है। आपको कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से भी सम्मानित किया गया है। आपने अपनी प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा अपने पैतृक कस्बे जगनेर व धौलपुर एवं स्नातक शिक्षा डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा से पूरी की है।</p><p></p><p><strong>About the Author</strong></p><p></p><p>एक साधारण-सा फिल्म निर्देशक अचानक अपने आपको अजीब-सी विषम परिस्थितियों में पाता है। उसे लगता है जैसे अब सब कुछ खत्म, लेकिन नहीं ये तो सिर्फ़ एक शुरूआत थी और जीवन के इस सबसे मुश्किल वक्त में उसके पास आता है, द्वापर का महायोद्धा और उसकी ज़िंदगी बदल जाती है। उसका सामना ऐसे अद्भुत रहस्यों से होता है, जिनके सामने उसे उसकी वर्तमान दुनिया बहुत छोटी लगने लगती है, तभी उसे उसके जीवन का उद्देश्य पता लगता है और वह स्वतः ही हिस्सा बन जाता है उस महाभीषण युद्ध का जिसे लड़ रहा था वसुदेव कृष्ण का प्रिय शिष्य व कालजयी योद्धा सात्यकि।</p><p></p><p>इस महागाथा में आपका स्वागत है, जहाँ भूतकाल और वर्तमान एक साथ मिलकर भविष्य को ठीक करने की ओर बढ़ रहे हैं। स्वागत है आपका एक ऐसी यात्रा में जिसे शुरू कर आपका पीछे लौटना लगभग नामुमकिन है " क्योंकि आप यात्रा कर रहे हैं उसके साथ जो है, ज्ञात संघ का वंशज "।</p>