Paryavaran Ki Anoothi Kahaniyan (पर्यावरण की अनूठी कहानियां)
ISBN: 978-93-508-3844-0
Format: 14.0x21.6cm
Liczba stron: 250
Oprawa: Miękka
Wydanie: 2024 r.
Język: hindi
Dostępność: dostępny
आज की दुनिया में पर्यावरण एक बड़ा मुद्दा बन गया है। अगर हमें अपने आप को बचाना है, तो हमें इस धरती के जीव-जंतुओं, वनस्पतियों और पेड़-पौधों को भी बचाना होगा। कारण यह है कि इस सृष्टि में कोई अकेला नहीं है। सब एक-दूसरे पर निर्भर हैं। अगर पेड़-पौधे और जीव- जंतु नहीं रहेंगे, तो मनुष्य भी नहीं बचेगा। सबका वजूद एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। इसलिए सारी दुनिया के लोग बहुत गंभीर होकर इस बारे में सोच रहे हैं।<br>साहित्य अकादमी के पहले बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित लेखक प्रकाश मनु ने इस पुस्तक में कहानियों के माध्यम से रोचक ढंग से पर्यावरण के महत्व को समझाने की कोशिश की है। इसलिए बच्चों को यहाँ सिर्फ दिलचस्प कहानियाँ ही नहीं, बल्कि बड़े मजेदार पात्र भी नजर आएँगे, जिनके पास जीवन के बड़े-बड़े अनुभव हैं, लेकिन वे उन्हें कहते इतने मजेदार ढंग से हैं कि बात दिल में उतर जाती है। ऐसे ही एक दिलचस्प पात्र हैं घुमक्कड़राम, जो सारी दुनिया में पर्यावरण को बचाने का अलख जगाते घूम रहे हैं।<br>उम्मीद है, बच्चे इन कहानियों को पढ़ेंगे तो इनकी किस्सागोई के रस में डूबकर पर्यावरण के बारे में बहुत कुछ नया जानेंगे और फिर उसे जीवन में भी उतारेंगे। तभी हमारी धरती फिर से हरी-भरी और सुंदर होगी।