अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य डॉ. भोजराज द्विवेदी कालजयी समय के अनमोल हस्ताक्षर हैं। डॉ. द्विवेदी की यशस्वी लेखनी से रचित ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंक विद्या, आकृति विज्ञान, यंत्र-तंत्र-विज्ञान, कर्मकांड व पौरोहित्य पर लगभग 258 से अधिक पुस्तकें देश-विदेश की अनेक भाषाओं में पढ़ी जाती हैं। इनकी 3000 से अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्व की भविष्यवाणियां पूर्व प्रकाशित होकर समय चक्र के साथ-साथ चलकर सत्य प्रमाणित हो चुकी है।<br>'रत्नों का रहस्यमयी संसार' उनकी लिखी अनुपम व बहुरंगी पुस्तक है। इस पुस्तक के माध्यम से आप जान सकेंगे कि रत्न क्यों पहनने चाहिए? इसकी वैज्ञानिक अवधारणा क्या है? क्या रत्न धारण से दुर्भाग्य सौभाग्य में बदला जा सकता है? क्या रत्न धारण से रोग और बिमारियां नष्ट हो सकती हैं? भिन्न-भिन्न रत्नों का ज्योतिष एवं मंत्रों से क्या संबंध है? रत्नों की प्राण-प्रतिष्ठा की विधि क्या है? रत्नों के विषय पर अपने आप में अनोखी यह पुस्तक जिज्ञासु पाठकों के लिए ज्ञान का अनमोल खजाना साबित होगी।