Vaidik Dharm Main Gaumata (वैदिक धर्म में गौमाता)
ISBN: 978-93-526-1607-7
Format: 14.0x21.6cm
Liczba stron: 162
Oprawa: Miękka
Wydanie: 2025 r.
Język: hindi
Dostępność: dostępny
गाय इस सृष्टि चक्र को चलाये रखने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, उसका अस्तित्व मिटाने का अर्थ होगा मानवता का अस्तित्व मिटाना। इसलिए गाय को किसी सांप्रदायिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता नहीं है।<br>भारत के ऋषियों ने गहन चिंतन के पश्चात गाय की उपयोगिता को समझते हुए गाय को 'माता' का पूजनीय स्थान दिया था। भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही गाय को आज पुनः भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनाकर उसकी उपयोगिता को मानवता के लिए आवश्यक बनाकर गाय के वैज्ञानिक, धार्मिक, और आर्थिक तीनों स्वरूपों को समझने की आवश्यकता है। यही इस पुस्तक का सार है।<br>१७ जुलाई १९६६ को उत्तर प्रदेश के जनपद गौतम बुद्ध नगर के गाँव महावड में जन्मे लेखक राकेश कुमार आर्य की अभी तक तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे दैनिक 'उगता भारत' के संपादक हैं। उत्कृष्ट साहित्य लेखन के लिए कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं। उनके लेख देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।